शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

is baarish men bhiga mausam se jyada

नए साल के लिए अनसोची जिम्मेदारी समझ में आ गया . बीत गए को आना ही होता है. बिदा होने के लिए. तुम तिलक करो . कि में नया जीवन भेजूं. कि मैं गए वक़्त की मानिंद लौट कर ना आऊं . कि में तुम्हारे रास्ते ना आऊं,तुम्हारी इच्छा के बगैर .कि में बनूँ गुलमोहर . अमलतास. पीपल. तुम्हारे लिए. ओ मेरे पल -छिनों .मैं बरस भर बिछे रहने को तत्पर हूँ. तुम्हारे लिए.

1 टिप्पणी:

aap svasth rahen.

मेरे बारे में

उज्जैन, मध्यप्रदेश, India
कुछ खास नहीं !