नए साल के लिए अनसोची जिम्मेदारी समझ में आ गया . बीत गए को आना ही होता है. बिदा होने के लिए. तुम तिलक करो . कि में नया जीवन भेजूं. कि मैं गए वक़्त की मानिंद लौट कर ना आऊं . कि में तुम्हारे रास्ते ना आऊं,तुम्हारी इच्छा के बगैर .कि में बनूँ गुलमोहर . अमलतास. पीपल. तुम्हारे लिए. ओ मेरे पल -छिनों .मैं बरस भर बिछे रहने को तत्पर हूँ. तुम्हारे लिए.
वापसी पर स्वागत है
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