Jay ki baten :::: जय की बातें
शनिवार, 21 अप्रैल 2012
बारिश में
gumहो गई
तुम तक पहुँचने की
सारी pagdandiyan..
1 टिप्पणी:
देवेन्द्र पाण्डेय
रविवार, 22 अप्रैल 2012 को 1:25:00 am GMT-7 बजे
वाह!
कीचड़-कीचड़
हो गया
तन
कमल बन
हंसती रही
तुम।
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वाह!
जवाब देंहटाएंकीचड़-कीचड़
हो गया
तन
कमल बन
हंसती रही
तुम।