Jay ki baten :::: जय की बातें
सोमवार, 10 सितंबर 2012
bo diya
काटे दिनों को बो दिया किये अपने भीतर ,फसल थी कि बह गई बाढ़ के पानी में
1 टिप्पणी:
Dhirendra S. Bisht
सोमवार, 1 मई 2017 को 6:58:00 am GMT-7 बजे
Awesome lines , keep it up
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