Jay ki baten :::: जय की बातें
शनिवार, 17 जनवरी 2009
इस छोर पर
समंदर और.....मछलियाँ बहुत बेचैन हैं ! इस छोर पर मैं सहलाता रहूँगा लहरों को ! उस पार से
कु
छ ,
कंकड़ तुम भी चुन लेना ! उन्हें........... , .... थोड़ा आराम मिलेगा !
1 टिप्पणी:
बेनामी
रविवार, 18 जनवरी 2009 को 3:17:00 am GMT-8 बजे
आदरणीय जय भाई के ब्लॉग में आपका लिखा , पढ़कर अच्छा लगा !
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आदरणीय जय भाई के ब्लॉग में आपका लिखा , पढ़कर अच्छा लगा !
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